वैशाली जिला – एक परिचय
वैशाली भारत के इतिहास में एक विशेष स्थान रखता है। इसका उल्लेख महाभारत काल से होता है और यह वह भूमि है जहाँ लोकतंत्र की शुरुआत लगभग 600 ईसा पूर्व मानी जाती है। वैशाली का नाम जैन और बौद्ध धर्म से जुड़े अनेक प्राचीन ग्रंथों में मिलता है, जिनमें इसके गौरवशाली अतीत का वर्णन है।
6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में वैशाली में गणराज्य की स्थापना हुई थी, जो गौतम बुद्ध के जन्म (563 ईसा पूर्व) से पहले की है। इस प्रकार, वैशाली को विश्व का पहला गणराज्य माना जाता है जहाँ चुने हुए प्रतिनिधियों की सभा और सुशासन था।
यह स्थान जैन धर्म के अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर की जन्मस्थली के रूप में भी प्रसिद्ध है। इसके साथ ही, गौतम बुद्ध ने यहीं पर अपना अंतिम उपदेश दिया और परिनिर्वाण (मोक्ष) की घोषणा की थी। वैशाली को अम्रपाली (या अंबपाली), प्रसिद्ध नगरवधू और बौद्ध अनुयायी, की भूमि के रूप में भी जाना जाता है।
‘वैशाली’ नाम का संबंध राजा विशाल से जोड़ा जाता है। जब गंगा के मैदानों में पाटलिपुत्र राजनीतिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र था, तब वैशाली वज्जि गणराज्य की राजधानी थी।
12 अक्टूबर 1972 को वैशाली को स्वतंत्र जिले का दर्जा मिला। इससे पहले यह मुजफ्फरपुर जिले का हिस्सा था।
हाजीपुर – जिला मुख्यालय
जिला मुख्यालय हाजीपुर का नाम हाजी इलियास शाह (1345–1358 ई.) नामक बंगाल के राजा के नाम पर पड़ा। उन्होंने यहाँ एक किला बनवाया जिसमें एक मस्जिद थी जिसे आज जामी मस्जिद कहा जाता है। यह मस्जिद 84.5 फीट लंबी और 33.5 फीट चौड़ी है। प्राचीन समय में इस स्थान को उक्कचला कहा जाता था।
भौगोलिक स्थिति व सीमाएँ
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क्षेत्रफल: 2036 वर्ग किलोमीटर
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निर्देशांक: 25°41′ उत्तर अक्षांश, 85°13′ पूर्व देशांतर
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सीमाएँ:
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उत्तर में: मुजफ्फरपुर
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दक्षिण में: पटना
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पूर्व में: समस्तीपुर
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पश्चिम में: सारण
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प्रशासनिक विभाजन
अनुमंडल (Sub-Division): 1. हाजीपुर, 2. महनार, 3. महुआ
प्रखंड (Blocks): 1. भगवानपुर, 2. बिदुपुर, 3. चेहराकलां, 4. देसरी, 5. गोरौल, 6. जंदाहा, 7. पतेढ़ी बेलसर, 8. पटेपुर, 9. महनार, 10. महुआ, 11. हाजीपुर, 12. राघोपुर, 13. राजापाकर, 14. लालगंज, 15. सहदेई बुजुर्ग, 16. वैशाली